स्तनपान से जुड़ी समस्याओं के निवारण के बारे में जानें!

स्तनपान यानि की (Breastfeeding) शिशु के लिए बहुत ज़रूरी होता है| स्तनपान के फायदे बहुत से लोगों को पता होंगें पर इससे जुड़ी समस्याएं भी नयी माँ के लिए चिंता का कारण बन जाती हैं| इसलिए आज हम समस्याएं से जुड़ी दिक्कतों के बारे में जानेंगें और साथ में ये भी जानेगें की इन दिक्कतों से कैसे बचा जा सकता है|

अगर आप स्तनपान से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो परेशान न हो और इसके निवारण के बारे में आप अपने डॉक्टर से पूछें| साथ ही इस ब्लॉग को भी पूरा पढ़ें ताकि जो जानकारी हम साझा करने वाले हैं वो कुछ हद तक आपकी समस्याओं को कम करने में मदद करे|

स्तनपान से जुड़ी दिक्कतें व निवारण जानें:

1. दूध बनने में दिक्कत:

कई बार नयी माओं में ब्रेस्ट में दूध का बनना कम हो जाता है जिसकी वजह से ज़रूरत के मुताबिक स्तनपान नहीं हो पाता है| कई बार ऐसा इसलिए भी होता है क्यूंकी नयी माँ स्तनपान शुरू करने के लिए ज़्यादा इंतज़ार करती हैं, कई बार ज़रूरत के अनुसार स्तनपान न करवाने से भी ब्रेस्ट में दूध का बनना कम हो जाता है| कई बार कुछ दवाइयों के चलते भी ये दिक्कत हो सकती है| जिन महिलाओं ने ब्रेस्ट सर्जरी कारवाई हो उनमें भी ये समस्या हो सकती है|  

निवारण:

1.       शिशु को केवल स्तनपान ही करवाएँ|

2.       स्तनपान जिंटा ज़्यादा स्तनों को चूसता है, उतना अधिक दूध का उत्पादन होता है|

3.       किसी भी तरह का फॉर्मूला फीड शिशु को न दें|

4.       ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए ज़रूरी है तरह पदार्थ व पोष्टिक आहार का सेवन करें|

नोट: सबसे ज़रूरी बात जिससे ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन अच्छे से होगा, जितना अधिक आप अपने बच्चे को स्तनपान करवाएंगे उतना अधिक ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन होगा| बहुत कम कारण ही जिससे ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन न हो और अगर ऐसा होता भी है तो ज़्यादातर तब होता है जब नयी माँ, शिशु को फॉर्मूला मिल्क देना शुरू कर देती हैं|

2. अत्यधिक दूध का उत्पादन:

ये समस्या तब होती है जब स्तनों अत्यधिक दूध का उत्पादन करने लगते हैं| ऐसे में स्तनों में सूजन, भारीपन व सख्त होने की दिक्कत आती है जिससे स्तनपान कराने में भी दिक्कत होती है| ये समस्या ज़्यादातर शुरुआती के पहले व दूसरे हफ्ते में होती है|  

निवारण:

1.   शिशु को दिन में कम से कम 8 से 12 बार स्तनपान करवाएँ|

2.   शिशु को स्तनपान करवाने से पहले स्तनों की गर्म सिकाई कर सकते हैं|

3.   आप चाहें तो स्तनपान करवाते वक़्त स्तनों की मालिश भी कर सकते हैं|

4.   इसके बाद भी दिक्कत हो तो आप ब्रेस्ट मिल्क स्टोर करने के लिए एक्सप्रेस/पंप का उपयोग कर सकते हैं, जिससे आप शिशु को ब्रेस्ट मिल्क आसानी से पिला सकते हैं|

3. निपल्स में दर्द:

नयी माओं में ये समस्या अक्सर देखने को मिलती है जिस कारण निपल्स में दर्द होता है और वह सख्त हो जाते हैं| ये समस्या ज़्यादा बढ़ जाये तब निप्पल के दूसरी जगह पर ब्लीडिंग व दर्द हो सकता है| जिस कारण शिशु को स्तनपान करवाना मुश्किल हो सकता है| इस दिक्कत से बचने के लिए कुछ क्रीम (lanolin based cream) का इस्तेमाल किया जा सकता है|

निवारण:

1.   शिशु को स्तनपान करवाते वक़्त ध्यान रहे की वो सही तरीके में लेटा है या सही तरीके से आपकी गोद में है|

2.   शिशु को कम और बार-बार पिलाया जाना बेहतर होगा|

3.   एक ही स्तन से दूध न पिलाएँ, एक तरह 15 से 20 से अधिक दूध न पिलाएँ और थोड़ी देर के लिए रुक कर दुबारा दूध पिलाएँ|

4.   आपने डॉक्टर से पूछने के बाद, आप निप्पल शील्ड का प्रयोग भी कर सकते हैं पर डॉक्टर से बात करने के बाद ही ऐसा करें|

4. लैचिंग की वजह से दर्द होना:

कई बार शिशु निप्पल से दूध पीने की बजाए आस-पास की जगह को चबा-चबा कर लाल कर देते हैं जिस वजह से उस जगह सूजन आ जाती है|

निवारण:

1.   ध्यान रहे की बच्चे का मुंह निपप्ले व एरोला के पूरा तरह से कवर किया हुआ हो और शिशु की पोसिशन भी सही हो|

2.   देखते रहें की बच्चा ठीक से दूध पी पा रहा है या नहीं|

3.   अगर शिशु ठीक से दूध नहीं पी पा रहा तो कई बार निप्पल में ड्राअर और दर्द होने लगता है|

4.   थोड़ी-थोड़ी देर बाद दूध पिला सकते हैं|

कई बार लोग दूसरों की सलाह बहुत मानने लगते हैं जिस कारण भी स्तनपान से जुड़ी समस्या बढ़ सकती है| जब इससे जुड़ी कोई भी समस्या हो तो डॉक्टर से ही संपर्क करें किसी भी रिश्तेदार की सलाह मत लें|

स्तनपान किसी भी माँ व शिशु दोनों के लिए एक ज़रूरी क्रिया है और ऐसे में किसी की बात सुनके आप गलत चीज़ें फॉलो कर समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं| याद रहे कभी भी दिक्कत हो तो पहले डॉक्टर से बात करें ना की इंटरनेट व अपने रिश्तेदार या दोस्त को संपर्क करें, क्यूंकी ऐसा करने पर अक्सर लोग डॉक्टर की सलाह लेना भूल जाते हैं और आम लोगों की सलाह लेने लगते हैं|

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