4 घंटे से कम और 11 घंटे से ज्यादा सोना खतरनाक क्यों है?

हम हर रोज़ सोते वक़्त न जाने कितने सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने कि इच्छा भी रखते हैं।

जब हम सोते हैं तो ये वो वक़्त होता है, जिसमें हम उन सभी इच्छाओं और सपनों को पूरा करते हैं या कहिये कि दुबारा से जीतें हैं जो हमें असल ज़िन्दगी में नामुमकिन से लगते हैं।

पर बहुत कम लोग होते हैं , जो वाकई में नींद में बुनें हुये सपनो को सच कर देते हैं।

तो इससे एक बात तो तय है कि, सपने देखने के लिए सोना ज़रूरी है और उन्हें पूरा करने के लिए अपनी नींद से उठना, भी उतना ही ज़रूरी है।

वार्ना ये आपके सपनों और आपकी सेहत दोनों के लिए ही हानिकारक है।

सोने की आदतों पर हुआ शोध

हाल ही में हुयी स्टडी में सामने आया है –

अगर हम आपको बताएं कि दिन के समय में देर तक सोने वालों में कलेस्ट्रॉल का लेवल प्रतिकूल रूप से बढ़ता है और उनकी कमर भी बढ़ जाती है, तो ये जानकर आपको हैरानी नहीं होनी चाहिए।

  1. एक जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ‘पल्मोनरी फाइब्रोसिस’ फेफड़ों की एक बीमारी है और ये बीमारी तब होती है जब फेफड़ों के टिशू को किसी कारण नुकसान पहुंचता है।
  2. इसलिए सोने कि सामान्य समय सीमा 7 से 8 घंटे होनी चाहिए।
  3. ये समय आपके खान-पान, आपके लाइफस्टाइल पर भी निर्भर करता है;
  4. क्यूंकि कई लोग कम लेकिन बेहतर नींद लेकर भी उतने ही एक्टिव होते हैं जितने कि ज़्यादा घंटे कि नींद लेने वाला कोई दूसरा व्यक्ति होता है।
  5. रिपोर्ट के अनुसार, औसतन 7 घंटे की नींद लेने वालों की तुलना में 11 घंटे से ज्यादा की नींद लेने वालों में फेफड़ों से जुड़ी बीमारी होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है।

सोना ज़रूरी है पर अगर आप ज़रुरत से ज़्यादा सोते हैं तो ये आपके लिए कितना घातक हो सकता है ये तो आप अब समझ ही गए होंगे|

बाकी अगर आपको लगता है की आपके आस पास भी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें अधिक सोने से होने वाली बीमारियों और नुक्सान के बारे में नहीं पता है तो आप उनसे भी ये जानकारी साँझा कर, उनकी आखें खोल सकते हैं।

अगर आप आपने किसी ऐसे दोस्त या रिश्तेदार को जानते हैं, जिन्हें सोना हद से ज़्यादा पसंद है तो ये पोस्ट उनसे ज़रूर साँझा करें।

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