साइटिका के लक्षण, कारण व इससे बचने के उपाए जानें

साइटिका की समस्या गंभीर से सामान्य हो सकती है| साइटिका में व्यक्ति को कमर के निचले भाग में दर्द होता है और कमर से जुड़ी नसों में सूजन आने के कारण पैर में अत्यधिक दर्द होता है| समस्या कितनी गंभीर है इसपर भी निर्भर करता है किस व्यक्ति को कितना दर्द होगा क्यूंकी कुछ लोगों को दर्द मामूली होता है और कुछ लोगों को असहनीय दर्द होता है|

ज़्यादातर साइटिका 50 से ज़्यादा उम्र के लोगों को होता है पर, आज कल ये समस्या कम उम्र के लोगों को भी होने लगी है जो की एक चिंता का कारण है| ये समस्या उन लोगों की भी हो सकती है जो काफी मेहनत का काम करते हैं जैसे अत्यधिक वज़न उठाना, और अत्यधिक शारीरिक श्रम करना|

साइटिका का इलाज समय रहते कार्वा लिया जाये तो इस समस्या से जल्दी निजात पाया जा सकता है, पर अगर आपने साइटिका के लक्षणों को अनदेखा किया तो तो ये समस्या बढ़ कर गंभीर हो सकती है|

साइटिका के लक्षण क्या हैं?

1.    कमर का दर्द धीरे-धीरे बढ़ने लगता है|

2.    पैर के पिछले भाग में दर्द|

3.    बैठते वक़्त पैर में दर्द होना|

4.    कूल्हों में दर्द होना|

5.    पैर में झुंझुनाहट और जलन होना|

6.    पैर के पिछले हिस्से में एक तरह दर्द होना|

7.    उठते और बैठते वक़्त पैरों में दर्द होना|

साइटिका का कारण क्या है?

•               विशेषज्ञ के अनुसार साइटिका की दिक्कत आमतौर पर तब होती है, जब तंत्रिकाओं में सूखापन आ जाता है जिस कारण रीढ़ की हड्डी भी खिसकने लगती है।

•               अगर रीढ़ की हड्डी में किसी तरह की चोट लगी है, तो भी साइटिका होने की संभावना बढ़ जाती है।

साइटिका से बचाव के उपाय क्या हैं?

•               साइटिका से बचने के लिए रोजाना व्यायाम करें|

•               पीठ सही मुद्रा में सीधा करके बैठने की कोशिश करें|

•               सोते वक़्त भी सही मुद्रा में सोएं|

•               सोने एक लिए अच्छे गद्दे का चयन करें, जिसपर आराम से पीठ सीधा करके सो सकें।

ये 5 योगासन साइटिका की समस्या दूर करने में कारगर हैं: 

1. भुजंगासन 

·         भुजंगासन करने के लिए पहले पेट के बल लेट जाएं। 

  • आपको अपने दोनों पैरों के बीच दूरी कम रखें और सांस लेते हुए अपर बॉडी को ऊपर उठाना है। 
  • ध्यान रहे कि कमर पर ज्यादा खिंचाव न हो और क्षमता अनुसार इस आसन की मुद्रा को बनाएं रखें।
  • शुरुआत में इसे 3 से 4 बार ही करें, अभ्यास होने के बाद संख्या बढ़ा सकते हैं। 

2. अपानासन योग 

·         इस आसान को करने के लिए पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं।

  • फिर अपने दोनों पैरो को उठाएं और घुटनों को छाती के पास लाएं। 
  • फिर सर को उठाएं साथ ही ठोड़ी को घुटनों से टच करें और घुटनों से मोड़कर अपनी बांहों के घेरों में लें।
  • इस मुद्रा में थोड़ी देर रहने की कोशिश करें, फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को सीधा कर लें। 
  • इसे करने से साइटिका के कारण होने वाले पीठ दर्द और बदन दर्द में राहत मिलती है। 
  • पैर की हड्डियों मजबूती मिलती है।
  • रोज़ करने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का निवारण होता है।

3 अधोमुख श्वान आसन 

·         इस आसन के लिए पहले दोनों हाथ और घुटनों के बल लेट जाएं। 

  • फिर शरीर के पिछले हिस्से को ऊपर उठाइए साथ ही घुटनों और हाथों को भी सीधा कर लें। 
  • दोनों हाथों को समान रखें और हाथेलियों को फैला दें।
  • इस आसन को 1 से 3 मिनट तक करें। 

4. सुप्त पादांगुष्ठासन 

·         पहले दोनों पैरो को फैला कर लेट जाये। 

  • अब एक पैर को उठाइये और एक इतना लम्बा कपड़ा लीजिये जिस को पंजे में डाल कर हाथो में अच्छे से पकड़ सके। 
  • कपड़े की मदद से पैर को धीरे-धीरे स्ट्रेच करे। 
  • घुटने को मोड़े बिना पैर को सर की तरफ लाने की कोशिश करे। 
  • कुछ समय ऐसे ही रहे। 

5. शलभासन योग 

·         इसे आसन को रोज़ करने से साइटिका के कमर और पीठ दर्द में बहुत राहत मिलती है। 

  •  सबसे पहले उल्टे लेट जाएं फिर श्वास अंदर लेते हुए अपने पैरों को ऊपर उठाइए।  
  • फिर हाथों की मुठ्ठी बनाके अपनी जांघों के नीचे रख लें|
  • फिर अपने पैरों को बिना मोड़े सीधा रखते हुए गहरी श्वास लें।  
  • इसके बाद धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए पैरों को नीचे रखें।

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