आँख से कम दिखाई देना ही नज़र की नज़र की कमज़ोरी कहलता है| इसी कमज़ोरी के कारण लोगो को चसमा लगाने के लिए मज़बूर होना पड़ता है| लेकिन कुछ घरेलू नुस्खे ऐसे हैं जिनके प्रयोग से आखोन की रोशनी ही नहीं बढ़ती बल्कि, आंखो का चश्मा भी उतार जाता है|
नज़र की कमज़ोरी के घरेलू नुस्खे:
1. इलायची के दानो का चूर्ण और शक्कर संभाग में लेकर (मतलब बराबर मात्रा में लेकर) उसमें एरंड का तेल मिलाकर, 4 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सूबह खाने से 40 दिनों में नज़र की कमज़ोरी दूर हो जाती है| इससे आँखों में ठंडक आती है और नेत्र ज्योति बढ़ती है|
2. हरा धनिया पीसकर उसका रस निकाल दो, दो-दो बूंद आँखों में प्रतिदिन डालने से आँखोंकी ज्योति बढ़ती है|
3. रात को सोते समय सप्ताह में तीन दिन दूध में रूई का फाहा भिगोकर आँखों पर रख कर पट्टी बांध लें, इसी तरह आँखों कभी-कभी आँखों में दूध शीतल व स्वच दूध गर्म करने के बाद की दो से तीन बूंदें डालने से आँखों की शीतलता बनी रहती है और आँखों की रोशनी कभी क्षीण (कमज़ोर) नहीं होती|
4. सहजन का रस 10 मि.ली. शहद 10 ग्राम इन दोनों के मिश्रण से काजल बनाएँ, यह काजल आँखों के लिए बहुत फायदेमंद है| इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है और आँखें सदेव निरोगी रहती हैं|
5. यदि आँखों की रोशनी धुंधली होती जा रही हो तो संतरे के रस में पिसी हुयी काली मिर्च व सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें| यह सेवन नियमित तीन महीने तक करना चाहिए|
6. बादाम की 8 से 10 गिरि रात में पानी में भिगो दें, सुबह उन्हें खाकर ऊपर से गाय का दूध पियें, कमज़ोर नज़म के लिए लाभदायक होने के साथ-साथ इस नुस्खे के बल-बुद्धि की वृद्धि भी होती है|
7. रात को किसी बर्तन में दो चम्मच त्रिफला चूर्ण भिगोकर रख दें| सुबह उठने के साथ उसे स्वच्छ कपड़े से छानकर उसपानी से आखें ढोएँ, या उस पानी से आखोन पर छीटें मारें, इससे आखोन की ज्योति बुढ़ापे में भी निर्मल और सतेज बनी रहती है|
8. एक कप गाजर के रस में, पौना कप पालक या चौलाई का रस मिलाकर सुबह सूर्य उदय और शाम को सूर्यास्त के समय नियमित रूप से सेवन करने वाले को आखोन के लिए, ऐनक की आवश्यकता नहीं रहेगी|
9. नीम की पत्तियों को पीसकर रूई की बाती पर लपेटें और उनन्हें पंखे की हवा में सूखा लें, फिर सरसों के तेल और कपूर के साथ इस बाती को जलाकर काजल बनायें| यह काजल आखों को निरोगी रखता है|
पथ्य-अपथ्य: रोज़ भोजन के साथ केला, सेब, हरी सब्जी का सूप, पालक, मीठी, पत्ता गोभी, घिया, जागर, और टमाटर का सेवन करें| इस भोज पदार्थों के आखों की ज्योति सदेव निर्मल बनी रहती है| इसके अतिरिक्त गेंहू के पौधे का रस पीने से भी नेत्र ज्योति स्वस्थ बनी रहती है|
नींद एक कुदरती दें है, और भोजन की तरह ही यह ज़रूरी भी है, इससे नेत्रों की ज्योति बढ़ती है, तथा शारीरिक विकारों से बचाव भी होता है| दिन में परिश्रम करने से शरीर की शक्ति कम हो जाती है|
रात को अच्छी नींद सोने से शरीर को आराम मिलता है, स्फूर्ति पैदा होती है, तथा अगले दिन काम करने के लिए नयी शक्ति मिलती है| यही नींद का सबसे बड़ा रहस्य है| अत: हर व्यक्ति को ज़रूरत के अनुसार नींद लेनी चाहिए|