गर्भावस्था में खानपान से जुड़े मिथक ज़रूर जान लें!

अगर आप फ़ैमिली प्लानिंग करने का सोच रहे हैं तो सबसे पहले अपनी सेहत से जुड़ी कुछ बातों पर ध्यान दें जैसे की गर्भधारण से पहले हेल्दी और भरपूर पोषण वाले आहार को अपनी डाइट में शामील करें| गर्भधारण से पहले भरपूर पोषण वाले आहार को खाना काफी ज़रूरी होता है|

पर गर्भधारण के वक़्त कुछ ऐसे मिथक भी हैं जिनसे बचने की ज़रूरत है असल में सही जानकारी क्या है ये जानने की भी ज़रूरत है| अगर आपको सही जानकारी पता होगी तो इससे आप गर्भधारण में सही आहार को खाने में शामील करेंगें और उसे नज़रअंदाज़ नहीं करेंगे|

इसलिए आज हम प्रेग्नेंसी से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में जानेगें क्यूंकी प्रेग्नेंसी के समय में बहुत सार एलोग बहुत सी बातें बताते हैं जिनमें से कुछ केवल मिथक भी हो सकती हैं, और बहुत से ऐसे पिटक हैं भी जो की प्रेग्नेंसी में नुकसान कर सकते हैं| महिलाओं को खाने के मामले में बहुत सी बाते बताई जाती हैं, क्यूंकी ऐसा माना जाता है की कुछ चीज़ें गर्भवती होने से रोकते हैं और महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है|

चलिये आज हम एक्सपेर्ट से जानतें हैं की प्रेग्नेंसी से जुड़े इन मिथकों के पीछे की सच्चाई क्या है| कामायनी नरेश, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और ज़ायरोपैथी के संस्थापक के अनुसार – “एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ माता-पिता की आवश्यकता होती है, जिसके लिए पौष्टिक आहार की अहम भूमिका होती है। पौष्टिकता की कमी के कारण प्रजनन के लिए स्वस्थ स्पर्म और अंडे नहीं बनते जिसके कारण अधिकांश नवविवाहित महिला गर्भधारण नहीं कर पाती।”

प्रेग्नेंसी के दौरान खाने को लेकर मिथकों को जानें: 

1.       पहला मिथक ये हैं की कुछ ठंडे फल जैसे अनानास, पपीता, हरा केला और जेली जैसी ठंडी चीज़ों को खाने से  गर्भपात हो सकता है।

सच: डॉ. विनीता साहनी,  जो की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं का कहना है लोगों को ये लगता है है अनानास और पपीता खाने के साथ अगर आप ठंडी चीज़ें खाते हैं तो इससे आपका गर्भपात हो सकता है| लेकिन डॉक्टर के अनुसार अभी तक ये बात किसी भी शोध में साबित नहीं हुयी है| एक अच्छा पका हुये पपीते को खाने से आपको पोटेशियम, विटामिन बी और ए जैसे ज़रूरी तत्व मिलते हैं जो माँ और बच्चे दोनों के लिए ही हितकारी है| पर हाँ, प्रेग्नेंसी में आपको आधा पका हुआ और कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए क्यूंकी इसमें पैपिन होता है, जो ऑक्सीटोसिन और प्रोस्टाग्लैंडीन जैसे हार्मोन के स्राव को बढ़ा सकता है और ये दोनों ही हार्मोन आपके गर्भाशय के संकुचन (कन्ट्रैक्शन) का कारण बन सकते हैं, जिससे टाइम से पहले ही शिशु को जन्म देने की नौबत आ सकती है|

बाकी बात करें अनानास की तो इसमें पाये जाने वाले पोशाक तत्व जैसे की कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर माँ और शिशु दोनों के लिए भी अच्छे होते हैं इसके बाद भी अगर आपके मन में कोई उलझन है तो आप अनानास की बजाए कुछ और फलों का सेवन कर सकते हैं जिससे आपके ये ज़रूरी पोशाक तत्व मिल जाएंगें|

2.       दूसरा मिथक ये है की प्रेग्नेंसी में जितना खाते हैं उससे अधिक खाना चाहिए क्यूंकी आप दो लोगों के लिए खा रहे हैं और आपका जो मन करे वो खाना चाहिए|

सच: लेकिन प्रेग्नेंसी में आपको जितनी ज़रूरत हो उतना ही खाना चाहिए और ज़रूरत से अधिक खाने की ज़रूरत नहीं है क्यूंकी इससे आपका वज़न ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ जाएगा और बाद इस वज़न को कम करने में आपको काफी दिक्कत होगी| ऐसा होने पर माँ और शिशु दोनों की सेहत तो खतरा हो सकता है| यही कारण है की अत्यधिक खाना खाने की बजाए आप आहार की गुणवत्ता पर ध्यान दें और वसा, चीनी और नमक को अपने खाने में कम करें और सबुत अनाज का सेवन करें जैसे की फलियाँ, सब्जियाँ, फल और कम वसा वाले डाइरी प्रोडक्टस।

3.        तीसरा मिथक ये है की अगर महिला हल्के रंग का खाना खाएगी तो शिशु का रंग भी साफ होगा|

सच: इस बात में दूर-दूर तक कोई सच्चाई नहीं है क्यूंकी शिशु की त्वचा का रंग अनुवांशिक होता है और हल्के रंग का खाना उस रंग को बादल नहीं सकता है| लेकिन हाँ गलत खान-पान से ऐसा हो सकता है की ज़रूरत के अनुसार गर्भावस्था में आपको पोशाक तत्व न मिल पाएँ|

4.       चौथा मिथक ये है की औषधियां और टॉनिक के सेवन से शिशु अधिक बुद्धिमान होगा और यही कारण है की आपको बाज़ारों में कई हर्बल चाय और टॉनिक्स मिल जाएंगें|

सच: इस बात का कोई बी मेडिकल प्रमाण नहीं है और न ही इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण है| इसलिए बेहतर होगा की गर्भावस्था में किसी भी तरह के टॉनिक को या फिर हर्बल चाय का सेवन करें केवल उन ही चीजों का सेवन करें जिन्हें आपके डॉक्टर ने खाने के लिए बोला है|

5.       पांचवा मिथक ये है की फुल क्रीम मिल्क अत्यधिक पोष्टिक होता है इसलिए गर्भावस्था में फुल क्रीम दूध ही पीना चाहिए|  

सच: ऐसा कहना सही नहीं है क्यूंकी कम वसा व स्किम मिल्क में भी उतने ही पोषक तत्व होते हैं, जितने की आपको किसी फुल-क्रीम दूध में मिलते हैं। इनमें कम संतृप्त वसा होती है जो गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बेहतर, स्वस्थ और कम कैलोरी का एक अच्छा विकल्प है|

अगर आप गर्भावस्था के समय इन मिथको को ध्यान में रखेंगी तो इससे आपको और शिशु दोनों को लाभ होगा इसके सतह ही अगर आपको ऊपर बताई गयी जानकारी कारगर लगी हो तो इसे आगे भी साझा करें|

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