स्किन बर्न होने पर क्या करना चाहिए और स्किन बर्न की 3 स्टेज क्या हैं?

आज हम यह जानेगें की स्किन बर्न की कितने स्टेज होते हैं और स्किन बर्न होने पर फ़र्स्ट ऐड क्या होनी चाहिए| इसके साथ ही आप आफ्नै तरफ से क्या कर सकत एहइन की स्किन बर्न्स न हों|

तो पहले तो यह जाना ज़रूरी है की स्किन बर्न अलग-अलग तरह से होते हैं, जैसे की:

·         एसिड से स्किन जल सकती है, जिसे केमिकल बर्न कहते हैं|

·         इलैक्ट्रिकल बर्न हो सकते हैं|

·         धूप से स्किन जल सकती हैं, जिसे सन बर्न कहते हैं|

·         गरम तेल या पानी के पड़ने से भी स्किन बर्न हो सकती है|

·         इसके साथ ही आग और फ्लेम से भी स्किन बर्न हो सकती है|

स्किन बर्न अलग-अलग डिग्री के होते हैं| जैसे की फ़र्स्ट डिग्री बर्न, सेकंड डिग्री बर्न और थर्ड डिग्री बर्न|

फ़र्स्ट डिग्री बर्न –

यह तब होता है जब आपकी त्वचा लाल पड़ जाती है और दर्द या जलन भी होता है, लेकिन उसमें कोई चला नहीं होगा| इस तरह के बर्न सबसे कम खतरनाक होते हैं क्यूंकी इसमें आपकी त्वचा 7 से 10 दिनों के अंदर ठीक हो जाती है|

इसमें आपको जले हुये त्वचा के स्थान को ठंडे पानी में डाल कर रखना होता है| इसके साथ ही आप इस तरह के बर्न पर आप एंटीबायोटिक क्रीम लगा सकते हैं और पैन किलर्स भी खा सकते हैं| अगर आप चाहें तो डॉक्टर को भी दिखा सकते हैं ताकि जल्द से जल्द ठीक हो पर इस तरह के बर्न में ज़्यादा दिक्कत नहीं होती है|

थर्ड डिग्री बर्न –

इस तरह के बर्न में स्किन लाल होती है, जलन और दर्द होता है पर छाला भी बनता है| इस तरह के बर्न में जिसमें छाले निकलते हैं थोड़ा गंभीर होता है क्यूंकी अगर छाले टूट जाये और अंदर का तरल बाहर निकलेगा तो इसमें इन्फ़ैकशन होने के आसार बढ़ जाते हैं|

क्यूंकी जब छाला टूटता है और नीचे की त्वचा खुली रेह जाती है तो उसमें बैक्टीरियल संक्रमण होने के आसार बढ़ जाते हैं| अगर इन्फ़ैकशन हो गया तो स्किन को सही होने में बहुत लंबा समय लगता है| इसमें ऐसा भी हो सकता है की स्किन का कलर ठीक होने के बाद भी स्किन का रंग पहले जैसा नहीं रेहता और निशान छोड़ जाता है| इसलिए ज़रूरी है की छाला न बने और अगर छाले बन जाएँ तो उनके लिए एंटीबायोटिक दी जाएँ, उनकी अच्छे से पट्टी की जाये, तो इसमें आपको स्किन विशेषज्ञ और या प्लास्टिक सर्जन को दिखाने की ज़रूरत है|

थर्ड डिग्री बर्न –

इस तरह के बर्न सबसे खतरनाक माने जाटें हैं जिसमें स्किन की सभी लेयर शामिल होती है| इस तरह के बर्न में बिना देर किए आपको तुरंत हॉस्पिटल जाना चाहिए क्यूंकी इसमें खून का लॉस होगा, वॉल्यूम लॉस होगा और सेप्सिस हो सकती है, तापमान बहुत कम हो सकता है, इस तरह के बर्न में बहुत सारी समस्याएँ हो सकती हैं|

इसमें बर्न सही होने के बाद भी गहरे निशान त्वचा पर पड़ जाते हैं| इसके साथ यह भी जान लें की अगर बर्न चेहरे पर या जोइंट्स पर हैं तो इसमें त्वचा विशेषज्ञ और प्लास्टिक सर्जन की पूरी सहायता ली जाये, ताकि निशान कम बनें और बर्न ठीक होने का बाद भी जोइंट्स के मूवमेंट में परेशानी न हो|

इसलिए ज़रूरी है की थर्ड डिग्री बर्न में बिलकुल भी लापरवाही न की जाये और इमरजेंसीमें तुरंत इसका इलाज हो|

हम आशा करते हैं की आपको यह जानकारी ज़रूरी लगी और इस जानकारी से आगे ज़्यादा सतर्क रेह पाएंगें और आपको पता होगा की आपको ऐसे में क्या करना होता है|

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