बड़ते मानसिक तनाव के कारण आज मनुष्य को कई तरह की बीमारियों ने घेर लिया है| उन्हें में से एक व्याधि है उच्च रक्तछाप (high blood pressure) ये बीमारी एक ज्वलंत समस्या बन गयी है| प्राय: देखा गया है की मानसिक तनाव के सतह ही शरीर में विभिन्न प्रकार की दूसरी विकृतियाँ भी पायी जाती हैं| जिनमें उच्च रक्तचाप एक लक्षण के रूप में पाया जाता है|
सामान्य तौर पर उच्च रक्तचाप के संबंध में कहा जाता है की ‘रस-रक्त’ का संवहन करने वाली धमनी में किसी प्रकार की बढ़ा उत्पन्न होने से उच्च रक्तचाप की स्थिति पैदा हो जाती है| परंतु इसके अतिरिक्त अन्य बहुत से कारण हैं, जिनसे उच्च रक्तचाप की स्थिति पैदा होती है, जैसे मानसिक तनाव, मोटापा, गुर्दे की खराबी, शरीर के अंदर नमक का संचय, हृदय की विकृति, गलत आहार-विहार आदि|
उच्च रक्तचाप के कारण सर दर्द, भ्रम, ग्लानि, आखों के सामने अंधेरा छा जाना, बेचैनी, धडकनों का तेज़ हो जाना, जलन, चीटियों के चलने सा आभास होना आदि लक्षण उतपत्र होते हैं| इन परेशानियों से बचने के लिए निम्न लिखित घरेलू उपाए बहुत ही कारगर साबित होंगें|
इन 9 नुस्खों से उच्च रक्तचाप की समस्या नयंत्रित करें:
- दो चम्मच शहद में एक चम्मच नींबू का रस मिलकर सुबह-शाम पीने से रक्तचाप कम होता है|
- उच्च रक्तचाप में नारंगी का सेवन अत्यंत लाभकारी होता है| उच्च रक्तचाप के रोगी दो से तीन दिन तक केवल नारंगी के रस का ही सेवन करें और दूसरा कोई अन्न या पेय पदार्थ न लें, तो उच्च रक्तचाप सामान्य हो जाता है|
- शीलजीत और सर्पगंधा का घनसत्व, दोनों को बराबर मात्रा में लेकर, खूब घोटकर चने के बराबर गोलियां बना लें| दिन में तीन बार एक-एक गोली दूध के साथ सेवन करने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है|
- उच्च रक्तचाप में तरबूज फायदेमंद होता है| एक बड़ी थाली में तरबूज को काटें लें और फांकों पर काली मिर्च और सेंधा नमक बुरक दें| फिर फांकों को थोड़ा हाथों से मसलकर उसका रस निकाल लें और उसे पी जाएँ| उच्च रक्तचाप के रोगी के लिए यह रस अमृत के समान है| इसके सेवन से तीन से चार दिनों में ही रक्तचाप सामान्य हो जाएगा|
- तरबूज के बीजों की गिरी और खसस-खसस बराबर मात्रा में लेकर उसे पीसकर चूर्ण बना लें और शीशी में भरकर रख दें| इस चूर्ण को 3 से 5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाली पेट जल के साथ लें| उच्च रक्तचाप से महीने भर में मुक्ति मिल जाएगी|
- आपको उच्च रक्तचाप हो तो घबराइए नहीं बस सुबह-शाम खाली पेट पपीते के दो से तीन फाकें रोज़ खाइये| आपकी सारी शिकायतें दूर हो जाएंगें|
- 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण रात को सोने से पहले गरम पानी के साथ नियमित सेवन करें| इससे उच्च रक्तचाप सामान्य हो जाता है|
- सौंफ, जीरा और मिशरी को सामान्य मात्रा में लेकर चूर्ण बनाएँ, और फिर एक-एक चम्मच चूर्ण जल के साथ सुबह-शाम लेने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है| गर्भाव्स्था की स्थिति में उच्च रक्तचाप होने पर महिलाएं भी इसे बिना डरे सेवन कर सकती हैं|
- अगर उच्च रक्तचाप हो तो आंवले का रस रोज़ पीने चाहिए| आंवले का कसैला तत्व हृदय की आस-पास की चर्बी को हटा देता है जिससे रक्तचाप सामान्य हो जाता है|
हम आशा करते हैं की आपको इन नुस्खों से उच्च रक्तचाप की समस्या से निवारण मिल जाये और आप पूरी तरह स्वस्थ हो जाएँ| असल में अगर सही जानकारी हो तो हमारे घर में हमारी बहुत ही समस्याओं का इलाज छुपा है बस जानकारी की ज़रूरत है|