हैजा को गुड बाइ बोलें इन घरेलू उपायों से!

हैजा एक भयानक संक्रामक रोग है| इसमें उल्टी और पतली दस्त दोनों एक साथ शुरू हो जाते हैं| यह महामारी घरेलू माखियों द्वारा फैलती है| उल्टी और दस्त के साथ-साथ पिंडलियों में ऐंठन, प्यास, मूत्रव्रोध, शरीर में नमक की कमी हो जाती है|

उल्टी में शुरू में आमाशया में रुका भोजन निकलता है और उसके बाद पतला द्रव आने लगता है| उचित उपचार न होने पर यह घातक सिद्ध होता है|

हैजा के कारण:

जो लोग बिना चबाये, ठूस-ठूस कर खाते हैं, वही अधिकतर एस रोग के शिकार होते हैं| गंदा जल पीने, सड़े-गले बासी खाना खाने, साड़ी दूषित मछलियाँ खाने, गरिष्ठ तैलिये आहार का अत्यधिक सेवन करने से हैजे की उत्पत्ति होती है|

आहार जनित हैजा उतना घातक नहीं होता है की जेवाणु के संक्रामण जनित हैजा होता है| इस हैजे में तो कभी-कभी गाँव के गाँव साफ हो जाते हैं| अत: इसके रोकथाम की तुरंत ज़रूरत होती है| इसके अतिरिक्त सूखा हैजा भी होता है| जिसमें लक्षण सभी हैजे के होते हैं परंतु उल्टी, दस्त नहीं होती| यह भी घातक होता है|

हैजा के लक्षण:

1.  हैजा की शुरुआत में रोगी के हाथ-पैर की उगलियों में भयंकर दर्द के साथ सिकुड़न होती है और फिर पिंडलियों, जांघों, आतों, एवं मासपेशियों में सनसनाहट होने लगती है|

2.  हाथ पैरों की उँगलियाँ नीली हो जाती है, एवं उनमें झुर्रियां पड़ जाती है|

3.  मूत्र आती कम तथा गहरे पीले रंग का होता है|

4.  आमाशया में जलन, दर्द, तनाव दबाने पर पीड़ा जीब सफ़ेद, स्वाद कड़वा, अत्यधिक प्यास, जल पीते ही उल्टी व दस्त होने लगती है|

5.  रोग बढ़ने पर अत्यधिक मात्रा में जल के समान पतले, माड़ के रंग के दस्त, बिना दर्द के शुरू हो जाते हैं|

6.  अधिक दस्त में उल्टी व बेहोशी आने लगती है|

हैजा के घरेलू नुस्खे:

1.  हींग 5 ग्राम, कपूर 10 ग्राम, कत्था 10 ग्राम, और नीम के 10 कोमल पत्ते लेकर तुलड़ी के रस में पीसकर चने के बराबर गोलियां बनायें| एक-एक गोली दिन में 3 से 4 बार गुलाब के अर्क में देने से हैजे में लाभ होता है|

2.  अजमोद के पत्तों को अच्छी तरह धोकर पीसें, और उसका रस निकाल लें| यह रस हैजे में एक-एक घाटे के अंतराल पर दीजिये| पहली बार चार बड़े चम्मच भरकर और बाद में जबतक मल घन होकर ना आए तब-तक दो-दो चम्म्च्यह रस देते रहिए| इससे हैजा थोड़े ही समय में नियंत्रित हो जाता है|

3.  काली मिर्च, दस रत्ती घी में भुनी हुयी हींग, दस रत्ती और अफीम 6 रत्ती को एक साथ मिलाकर, बारह गोलियां बनायें| दिन में 3 से 4 बार एक-एक गोली पानी के साथ देने से हैजे में फाइदा होता है|

4.  लौंग के तेल की दो से तीन बूंद चीनी या बताशे में देने से लाभ होता है|

5.  जायफल का दस ग्राम चूर्ण गुड में मिलाकर, तीन-तीन मिलीग्राम की गोलियां बनायें| एक-एक गोली आधे-आधे घंटे पर देने से और ऊपर से थोड़ा सा गरम पानी पीने से हैजे के दस्त बंद हो जाते हैं|

6.  एक जायफल का चूर्ण, 100 मि.ली. तेल में मिलाकर धीमी आंच पर पकाइये| अच्छी तरह पक जाने पर उतार लीजिये| इसे हैजे के रोगी के हाथ पैर पर मलने से दर्द में राहत मिलती है|

7.  हैजे का आक्रमण होने पर रोगी को बार-बार प्याज का रस देने से आराम होता है| हैजे के शुरू में ही एक-एक रत्ती हींग मिलाया हुआ, प्याज़ का रस आधे-आधे घंटे के अंतराल पर देने से हैजा मिटता है|

पथ्य: बदहज़मी न होने दें, गरम ताज़ा भोजन करें, भूख हो तभी भोजन करें, भोजन में पुदीना, प्याज़, पुरानी पकी इमली, काग़जी नींबू का रस पियें| अगर आप कुओं से पानी पीते हैं तो उसमें पॉटेश्यम डालें, गंदगी, बाज़ार के चाट-पकोड़े, दूषित खुल्ला भोजन, रात को जागने से बचें|

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