यह रोग सर्वदेहिक रोग है जिसमें शरीर के ऊपर जगह-जगह लाल-लाल चकत्ते अथवा ददोरे होकर फूल जाते हैं| यह रोग पित्ती उछल्ना, ददोरे, पित्ती आदि नामों से भी जाना जाता है| ये रोग एक तरह की स्किन एलर्जी ही होती है, यह एलर्जी कुछ प्रकार के खाने के कारण होता होता है|
चक्कतों, ददोरों में तीव्र खुजली होती है, जिससे रोगी परेशान हो जाता है| खुजली, जलन, तथा लाल रंग के गोल चकतते चंद घंटों तक रेह कर मिट जाते हैं और फिर दुबारा आ जाते हैं| इसी प्रकार कई बार ये कर्म चलता रेहता है|
लाल चकत्ते के कारण:
· तेज़ व तीखा भोजन, मछ्ली, मास, गरम औषधियों वयं एलर्जिक पदार्थों का सेवन आदि इसके प्रमुख कारण हैं|
· इसके अतिरिक्त मधुमक्खी या बर्रे के काटने, रोयेंदार कीड़ों के छु जाने, मच्छर, खटमल, आदि के काटने शीतल हवा अथवा शीतल जल में भीगने से भी यह रोग होते हुये देखा गया है|
लाल चकत्ते के लक्षण:
1. एका एक शरीर में लाल-लाल चकत्ते निकाल जाते हैं|
2. ये हल्के, लाल रांग के और कुछ उभरे हुये होते हैं, जो मध्य में फीके तथा किनारों पर रक्तवर्ण (लाल रंग के) के होते हैं| इनमें विशेष खुजली होती है और धीरे-धीरे ये सम्पूर्ण शरीर पर निकाल आते हैं|
3. कान, चेहरे और माथे पर काफी, सूजन आ जाती है|
4. कभी-कभी चक्कतों के साथ-साथ बुखार और उल्टी जैसे लक्षण भी स्पष्ट दिखाई देते हैं|
5. रोगी को खुजली के कारण नींद नहीं आती, जिससे रोगी प्रायः बेचैन रेहता है| इस रोग में महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा, अधिक शिकार होती है|
लाल चकत्ते के नुस्खे:
1. चन्दन को गिलोय के रस में घिसकर, 10 मि.ली. की मात्रा में पिलाने से शीट पिट जल्दी खतम होता है|
2. कड़वे खीरे का चूर्ण, गुड के साथ मिलाकर, जल के साथ सुबह-शाम उपयोग करने से शीट पित्त जल्दी नष्ट होता है|
3. छे ग्राम पुदीने को पीसकर, जल में घोल लें, इसमें दस ग्राम शक्कर मिलाकर सुबह-शाम पियें, इससे शीट पित्त में बहुत लाभ होता है|
4. छे ग्राम अदरक का रस, इतने ही शहद में मिलाकर सेवन करने से शीत पित्त जल्दी नष्ट होता है|
5. शीत पित्त के विकृत होने पर काली मिर्च के चूर्ण को घी में मिलाकर शरीर पर लेप करने से जल्दी लाभ होता है|
6. गाय का घी, गेंहू, सेंधा, नमक तीनों को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, इस चूर्ण को शरीर पर मलें और कंबल ओढ़कर धूप में सो जाएँ| इससे पसीना होता है और पित्ती रोग जल्दी खत्म हो जाते हैं| बाद में ठंडे जल और साबुन से स्नान कर लें|
7. गेहूं, अजवाएन, और सेंधा नमक का चूर्ण बनाकर शरीर पर मालिश करें, फिर कंबल ओढ़कर लेट जाएँ, बाद में गेंहू के चोकर के साथ उबले पानी से खूब मल कर नहाने से पित्त या चकत्ते मिट जाते हैं|
8. चिचिड़ी की जड़ को पानी में डालकर उससे स्नान करने से भी लाभ होता है|
9. अजवाएन की धुआं लेने से लाभ होता है|
10. अजवाएन तथा गेंहू को सिरके में पीसकर, शरीर पर लगाएँ, एक घंटे के बाद स्नान कर लें, पित्ती रोग से छुटकारा मिल जाता है|
हम आशा करते हैं की की जिन भी लोगों की शीतपित्त की समस्या है वे इन घरेलू नुसख़ों से जल्द ही ठीक हो जाएँ, यादी आपको कोई अन्य स्किन से जुड़ी समस्या है तो पहले आपने डॉक्टर से परामर्श कर लें उसके बाद ही इन घरेलू नुस्खों को अपनाएँ| इसके साथ ही अगर आपको लगे की आपकी समस्या इन उपायों को करने के बाद बढ़ रही है तो नुस्खे को न करें और और आपकी स्किन सेनसिटिव है तो पहले एक पैच टेस्ट कर लें|