क्या आपको नये कोविड स्ट्रेन ‘बी.1.1.1.529’ डेल्टा के बारे में पता है?

कोविड-19 से होने वाली मौतों के कारण पूरे विश्व में लोग बहुत सी तकलीफ़ों से गुजरे हैं और कुछ लोगों ने जो खोया है वोह शायद कभी भी वापस नहीं पाया जा सकता, पर देश में आज भी बहुत से लोग हैं जो इस बात को हल्के में ले रहे और जहां सावधानी बरतनी चाहिए वहाँ भी खुल्ले आम लापरवाही हो रही है| इसके साथ ही बहुत से लोग आज भी कोविड-19 से संबधित ज़रूरी जानकारी नहीं जानते हैं|

कोविड-19, जिस वाइरस के कारण पोरी दुनिए में लॉकडाउन लगाने तक की नौबत आ गयी हो उस वाइरस की जानकारी रखना ज़रूरी है| इसलिए आज हम कोविड-19 के नये स्ट्रेन की बात करेंगे जो की काफी घातक माना जा रहा है| इस नये स्ट्रेन को ‘बी.1.1.1.529’ डेल्टा नाम दिया गया है|

इस महामारी के कारण, बच्चों की पढ़ाई, घर-परिवार, व्यापार ना जानी कितना कुछ बिखर कर रह गया है| पर अच्छी बात ये है की कोविड-19 की वैक्सीन के बाद देश में कोविड-19 के मामलों में भरी गिरावट देखि गयी है| कोविड-19 की महामाही की वजह से दुनिया भर में 18 से 20 महीनों के लिए लॉकडाउन लगाने पड़ा था| लेकिन अफ्रीका में कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट – बी.1.1.1.529 चिंता का कारण बना हुआ है|

इस नये वारियान्त के कारण पूरे विश्व भर में लोगों चिंतित हैं और अभी तक की जानकारी के अनुसार ये नया डेल्टा वेरिएंट काफी ज़्यादा तेज़ी से फैलता है और इस डेल्टा वेरिएंट से खतरा इस लिए भी ज़्यादा है क्यूंकी ये वैक्सीन को भी मात दे सकता है, यानि की जिन लोगों ने वैक्सीन लगवा रखी हैं उन्हें भी इससे खतरा है|

अभी तक लगभग 100 के आस-पास मामलों के बारे में पता चला है, जिस कारण ये स्ट्रेन और धीरे-धीरे फैल रहा है| ये नया स्ट्रेन दक्षिण अफ्रीका के सहित आसपास के देशों में फैल गया है और चिंता की बात ये है की जो लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं वो भी इस डेल्टा वाइरस से संक्रमित हो रहे हैं|

केवल दक्षिण अफरिका में ही 100 से अधिक मामले सामने आए हैं| इस नये वेरिएंट का नाम बी.1.1.529 है जिसे ‘बोत्सवाना वेरिएंट’ भी कहा जा रहा है।इसलिए आज हम आपको इस घटक वेरिएंट से जुड़ी 5 मुख्य जानकारी देंगे| इस नये वेरिएंट के कारण इटली, सिंगापुर, इजराइल, यूके जैसे देशों को दक्षिण अफ्रीका से यात्रा को प्रतिबंधित करने का फैसला करना पड़ा है।

न्ये डेल्टा वेरिएंट से जुड़ी 5 मुख्य बातें:

1.   दक्षिण अफ्रीका के स्वस्थ अधिकारी के अनुसार ‘बी.1.1.1.529’ वेरिएंट, वैज्ञानिकों ने जितना सोचा था उससे कहें ज़्यादा उत्परिवर्तन है| ‘बी.1.1.1.529’ वेरिएंट, तीसरी लहर के डेल्टा वेरिएंट से ज़्यादा गंभीर है| कई उत्परिवर्तन इम्यून इवेसन और ट्रांसमिसिबिलिटी के लिए चिंता का विषय हैं।

2.   बी.1.1.1.529 की बात करें तो इसके स्पाइक प्रोटीन में ज़्यादा संख्या में उत्परिवर्तन होता है और यही कारण है की शरीर में मौजूद कोशिकाओं में वाइरस के प्रवेश करने के आसार बढ़ जाते हैं| इस न्ये डेल्टा वेरिएंट में पूरे 50 म्यूटेशन हैं, जिसका मतलब है की इसमें अकेले स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक म्यूटेशन शामिल हैं जो कि अधिकांश वर्तमान कोविड टीकों का लक्ष्य है।

3.   अगर हम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की बात करें तो उनके अनुसार इस नये डेल्टा वेरिएंट को समझने में कुछ और हफ्ते लगेंगे| वैज्ञानिकों की बात करें तो उनके अनुसार ‘बी.1.1.1.529’ डेल्टा अभी तक का सबसे घातक उत्परिवर्तित वेरिएंट है जिसका मतलब ये है की जो टीके चीन में वुहान से मूल कोविड स्ट्रेन का उपयोग करके डिजाइन किए गए थे वो इस नये डेल्टा वेरिएंट पर काम नहीं करेंगे, हालांकि अभी पुख्ता कुछ नहीं कह सकते हैं|

4.   दक्षिण अफ्रीका में पाया गया ये डेल्टा वेरिएंट, बोत्सवाना सहित आसपास के देशों में फैल गया है। इजराइल ने ‘मलावी से लौटे एक व्यक्ति में’ बड़ी संख्या में उत्परिवर्तन के साथ एक कोविड-19 वेरिएंट के मामले की पहचान हुयी है। हांगकांग में भी दो मामलों का पता चला है और भारत ने दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग के यात्रियों की कठोर जांच का आहवान किया है।

5.   अभी भी इस नये डेल्टा वैरिएंट कहाँ से हैं यानि की इसकी उत्पत्ति के बारे में पता लगाया जा रहा है| लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक फ्रेंकोइस बेलौक्स के अनुसार, नया स्ट्रेन ‘एक कम इम्युनिटी वाले व्यक्ति जो एचआईवी/एड्स का रोगी हो और उसके इस रोग का इलाज न हुआ हो, में विकसित होने की संभावना है’।

हम आशा करते हैं की इन पाँच जरूरी बातों पर ध्यान देते हुये आप भी कोविड से जुड़ी ज़रूरी जानकारी अपने जानने वालों से साझा करेंगे और आने वाली किसी भी संभावना से पहले से जानकारी रखेंगे| जब किसी भी दिक्कत के बारे में पहले से पता हो तो आने वाले खतरे को रोका नहीं तो कम तो किया जा सकता है|

आज भी देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं और जिन्हें लगता है की उन्हें वैक्सीन लगवाने की ज़रूरत नहीं हैं| इस तरह की सोच उन लोगों के लिए और दूसरे लोगों के लिए खतरे की बात हैं क्यूंकी भले की किसी की इम्युनिटी अच्छी हो और उन्हें कोविड न हो पर वो इस वाइरस के कैरीएर बन सकते हैं| हो सकते तो आप और आपके जनने में जो भी लोग हैं उन्हें ज़रूरी सावधानियों को बरतने के लिए कहें|

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