ह्रदय रोग से बचने के इससे असरदार घरेलू उपाए और नहीं!

ह्रदय हमारे शरीर का बहुत ही ज़रूरी अंग है| ये पूरे शरीर को रस-रक्त पहुंचाता है और शरीर से दूषित रक्त को लेकर उसे शुद्ध कर पुनः शरीर के प्रत्येक अंगों को भेजता है|

इस प्रकार ह्रदय जीवन एवं पोषण के महत्वपूर्ण कार्यों से संबन्धित अवयव है| सजीव शरीर में सामान्य रूप से निरंतर इसकी धड़कन ही ह्रदय के स्वस्थ का सही लक्षण है|

परंतु आहार-विहार की गलतियों के कारण व्यक्ति ह्रदय रोग से ग्रस्त हो जाता है| नशीले पदार्थों का सेवन तथा तनाव भरा जीवन भी ह्रदय रोगों में सहायक है| ह्रदय में दर्द, ह्रदय की धड़कन का तेज़ या कम होना, ह्रदय की धमनियों में विकृति आ जाना जैसे विकार उत्पन्न होने लगते हैं|

फिर शुरुआत हो जाती है ह्रदय के दौरे की जो व्यक्ति का जीवन संकट में डाल देती है| ऐसे में कुछ उपयोगी घरेलू नुसख़ों का प्रयोग करके ह्रदय रोगों से बचा जा सकता है|

ह्रदय रोगों से बचने के ज़बरदस्त घरेलू नुस्खे:

1.   यदि छाती की बाई और दर्द होता है और सांस लेने में कठनाई महसूस होती है, पसीना आने लगता है तो दूध में लहसुन पकाकर पियें| कुछ दिनों तक निरंतर ऐसे दूध का सेवन करने से उपयुक्त शिकायतें दूर हो जाती हैं और दिल की ओपन सर्जरि की ज़रूरत नहीं पढ़ती|

2.   ह्रदय रोग और रक्त छाप रोग में यदि नियमित रूप से सुबह-शाम दूधी की सब्जी का सूप पियें या उसकी सब्जी भोजन के साथ सेवन करें तो एक महीने में ही लाभ होने लगेगा|

3.   ह्रदय में दर्द होने या दौरा पड़ने पर दो चम्मच शुद्ध घी में दो ग्राम बेल का रस पी जाएँ, गाय का घी हो तो अति उत्तम है, इससे तुरंत राहत मिलेगी|

4.   हींग को भूनकर उसका चूर्ण बना लें, फिर उसमें काला व सफ़ेद जीरा व अजवायन और सेंधा नमक – सभी बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनायें और हींग के चूर्ण को इसमें मिलाकर शीशी में भरकर रख दें, प्रतिदिन ढाई से तीन ग्राम चूर्ण का सेवन करें, कुछ दिनों में ही ह्रदय का दर्द दूर हो जाएगा|

5.   100 ml अदरक के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटने से ह्रदय के दर्द में आराम मिलता है|

6.   इलाइची के दाने पीपल मूल और पटोल के पत्ते को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनायें, इसको दो ग्राम मात्रा में घी के साथ मिलाकर चाटने से कफ़ से उत्पन्न ह्रदय दर्द ठीक हो जाता है|

7.   लौकी उबालकर उसमें नमक, धनिया, जीरा, हल्दी, हरा धनिया डालकर कुछ देर और पकाएँ, ह्रदय रोगी को इसका नियमित सेवन करवाने से ह्रदय की कार्य शक्ति बढ़ती है|

8.   अच्छा व पक्का हुआ कुम्हड़ा लेकर उससे धो लें और छिलके सहित उसके छोटे-छोटे टुकड़े काट लें, इसे अच्छी तरह सुखाकर मिट्टी के बर्तन में भरकर, बर्तन के मुख पर ढक्कन लगाकर ऊपर से कपड़ा रख कर मिट्टी का लेप लागा दें, इस बर्तन को 1 से 20 मिनट तक धीमी आंच पर रख कर गरम करें| फिर उसे उतार कर ठंडा होने पर खोलें, कुम्हड़े के जले हुये टुकड़ों को कूटकर चूर्ण बना लें और हवा बंद शीशी में भरकर रख दें 2 ग्राम चूर्ण में, 1 ग्राम सौंथ का चूर्ण मिलाकर गरम पानी के साथ सेवन करें, इससे सभी तरह के ह्रदय दर्द से राहत मिलती है|

9.   अनार के 10 ml रस में, 10 ग्राम पीसी मिश्री डालकर प्रतिदिन सुबह पीने से ह्रदय की जकड़न और ह्रदय का दर्द दूर हो जाता है|

10. एक तोला अनार के ताज़े पत्ते को 10 तोला पानी में पीसकर और छानकर सुबह-शाम पीने से ह्रदय मजबूत बनता है और ह्रदय की धड़कन समान होती है|

11.  200 ml ताज़े जागर के रस में, 100 ml पालक का रस मिलाकर रोज़ सुबह पियें तो  ह्रदय की तकलीफ़ें, दिल का दौरा और ह्रदय का बेकाबू हो धड़कना सब काबू में आ जाता है|

12. ह्रदय रोगी यदि खूब मथकर मक्खन निकाला हुआ एक ग्लास छाछ रोज़ पिये तो ह्रदय की रक्त वाहिनियों में बढ़ी हुयी चर्बी कम हो जाती है और दिल की तेज़ धड़कन व घभराहट भी दूर हो जाती है|

13. यदि दिल घबराता है, ह्रदय तेज़ हो गयी है, पसीना आ रहा है तो आलू बुखारा खाएं या मीठा अनार चुसिए राहत मिलेगी|

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