इस रोग में छाती, कंधों, ऊपर की पीठ पर, ऊपरी बांह और चहरे पर कभी-कभी सफेद वर्ण के फीके – से गोल चकत्ते दिखलाई देने लगते हैं| यह रोग फफूंदी के संक्रामण से होता है|
फफूंदी के बाहरी त्वचा के कठोर भाग में लग जाने से और इस भाग के परतों के रूप में झड़ने से सेहुआँ निर्मित होते हैं|
पसीना अधिक आने से और उसके विदग्ध (तपा हुआ या जला हुआ) हो जाने से यह फफूंदी वहाँ लगती है| इसके प्रभाव से कठोर स्तर के सेल मृत होकर झड़ जाते हैं| इसके विपरीत बाहरी त्वचा में कोई प्रतिक्रिया नहीं होती|
सेहुआं के घरेलू नुस्खे:
1. मूली के बीज को पीसकर नियमित लेप करने से सेहुआं का प्रभाव खत्म हो जाता है|
2. सेम की पत्ती को पीसकर लगाने से सेहुआं जल्दी ठीक हो जाता है|
3. मोथा, मैनफल, करंज, त्रिफला, अमलतास की छाल, इन्द्र जौ और दारू हल्दी से शोधित जल से एक हफ्ते तक स्नान करने से सेहुआं की दिक्कत खत्म हो जाती है|
सेहुआं है तो इस बात का ध्यान रखें!
अगर आपको सेहुआं ककई दिक्कत है तो ध्यान रहे को आप घर का बना साफ व पोषण से भरपूर भोजन ही करें, जिससे आपका पेट साफ रहे| सेहुआं में पेट साफ रखना ज़रूरी होता है|
इसलिए ऐसे आहार खाएं जो आसानी से पच जाते हैं और हल्के होते हैं|
कड़वे रसयुक्त शाक का सेवन भी हितकारी है| घी, मूंग, परवल, का सेवन बहुत ही बढ़िया रहेगा|
गरिष्ठ आहार, दूध, दही, मछ्ली, गुड़, तिल आदि का सेवन सेहुआं में अच्छा नहीं है|
अगर आप ऊपर बताए गए घरेलू उपाये और खान-पान का ध्यान रखेंगें तो आपकी सेहुआं की दिक्कत बहुत जल्द ठीक हो जाएगी|