दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं. कुछ होते है जो अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी संजीदा रहते हैं. ऐसे में कुछ लोगों की बढ़िया आदतों में एक बात अच्छी होती है कि वे खाने के बाद पैदल चलते हैं. इसी कड़ी में अब रिसर्च में भी यह बात कही गई है कि यदि कोई भी इंसान हाई प्रोटीन युक्त नाश्ता व भोजन करने के बाद थोड़ी देर पैदल चलता है तो उसका पाचन तंत्र तो सही रहता ही है बल्कि उसके खून में शुगर की मात्रा भी नियंत्रित रहती है.
न्यूजीलैंड के ओटागो विश्वविद्यालय की रिसर्च में यह बात सामने आई है कि, यदि कोई भी इंसान बेहतरीन नाश्ता करता है व भोजन करने के बाद थोड़ी देर पैदल चलता है तो उसका डाइजेशन सही होता है और बॉडी में शुगर लेवल की मात्रा भी कंट्रोल में रहती है. क्योंकि भोजन करने के बाद पैदल चलने से खाना तो जल्दी पचता ही है साथ में शरीर के अन्य ऑर्गन जैसे छोटी आंत-बड़ी आंत व गुर्दे भी स्वस्थ रहते हैं. इसके अलावा कब्ज, गैस और एसिड रिफ्लक्स जैसी सामान्य समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है. शोध में इस बात पर भी जोर देकर कहा गया है कि काफी समय से भारतीय लोगों में भोजन के बाद टहलने की यह प्रक्रिया आम रही है पर आज के दौर में लोग खाने के बाद तुरंत ही या तो बेड पर चले जाते हैं या फिर वे सोफे या कुर्सी पर बैठ/लेटकर मोबाइल के साथ व्यस्त हो जाते हैं.
शोध में बताया गया है कि, जब भी कोई इंसान भोजन ग्रहण करता है तो खाना टुकड़ों के रूप में पेट के अन्दर पहुँचता है. इस प्रक्रिया के बाद शरीर इस भोजन से जरूरी पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेता है. क्योंकि पाचन की मुख्य प्रक्रिया छोटी आंत में पूरी होती है. इसलिए माना जाता है कि यदि भोजन करने के बाद यदि इंसान टहलता है तो भोजन जल्दी पचता है और पाचन तंत्र की क्रिया स्थिर और मजबूत रहती है. इसके अलावा टहलना तो वैसे भी फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि टहलने मात्र से ही शरीर के सभी अंग हरकत में रहते हैं जो काफी अच्छा माना जाता है.
इस सबके अलावा ओटागो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का मानना है कि खाने के बाद पैदल चलने से न सिर्फ पाचन तंत्र दुरुस्त होता है बल्कि टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को भी फायदा पहुंचता है. क्योंकि भोजन करने के बाद शरीर के ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है. वहीँ स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि हर इंसान में खाने के बाद बढे हुए ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन आगे आता है पर टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के साथ दिक्कत यह होती है कि उन पर इंसुलिन सही तरह से काम नहीं करता. इसलिए जब भी वह भोजन करने के बाद टहलते हैं तो ग्लूकोज का अधिकतर हिस्सा ऊर्जा के रूप में शरीर में खर्च हो जाता है.
वहीं, अध्ययन में यह भी बताया गया है कि यदि कोई भी व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत हाई प्रोटीन से भरे नाश्ते से करता है तो न सिर्फ अपने अपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर सकता है बल्कि शरीर के शुगर लेवल और पाचनतंत्र को भी मजबूत कर सकता है. तो आइए जानते हैं कि, आखिर कौन-कौन से ऐसे हाई प्रोटीन वाले भोजन हैं जिन्हें आप सुबह नाश्ते में ले सकते हैं.
1. दलिया
आमतौर पर भारतीय रसोई में सुबह के नाश्ते में दलिया का एक विशेष स्थान है. साथ ही इसे कई तरह से बनाया भी जाता है. लेकिन यदि हम गर्म दलिया में अखरोट के कुछ टुकड़े व अन्य कुछ ड्राई फ्रूट्स को इस्तेमाल में लाएं तो दलिया और भी फायदेमंद साबित हो सकती है. वैसे भी दलिया में भरपूर मात्रा में प्रोटीन सहित फाइबर, कॉपर, आयरन और जिंक जैसे तत्व समाहित होते हैं. ये पोषक तत्व शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने के साथ-साथ कमजोर मांसपेशियों को भी मजबूत करने का काम करता है.
2. अंडे
जो भी लोग दैनिक जीवन में अंडे के सेवन करते हैं उन्हें इस बात का जरूर पता होगा कि अंडे में भरपूर मात्र में हाई क्वालिटी प्रोटीन पाई जाती है. साथ ही नाश्ते में अंडे लेने से शरीर के लिए जरूरी विटामिन डी, आयरन और मैग्नीशियम जैसे कई अन्य पोषक तत्व की कमी पूरी हो जाती है. यदि आप चाहे तो आप इसे ब्रेड के साथ भी ले सकते हैं जिससे आपको देर तक भूख से राहत मिल जाएगी. हालाँकि अब लोग अंडे की कई तरह की डिश को इस्तेमाल में लाने लगे हैं, जिनमें तले/उबले अंडे और ऑमलेट या सनी-साइड अप रूप मुख्य हैं.
3. पोहा
पुराने समय से ही पोहा भारतीयों का पसंदीदा नाश्ता रहा है. देश में इसे कई तरह से बनाया जाता है. जिसमें लोग अलग-अलग तरह की खाद्य वस्तुओं का प्रयोग करते हैं. पोहा प्रोटीन से भरपूर तो होता ही है, साथ ही इसमें मटर, आलू और फूलगोभी मिलाने से यह और भी स्वादिष्ट व लाभप्रद हो जाता है.
4. मूंग दाल चीलाहर भारतीय व्यक्ति नाश्ते में चीला खाना पसंद करता है. लेकिन यदि कोई भी शरीर में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम व विटामिन ए, बी, सी, डी, ई की कमी पूरा करना चाहता है वो नाश्ते में मूंग दाल के चीला को वरीयता दे. क्योंकि मूंग दाल कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है और अगर इसे देशी घी में बनाया जाए तो फिर क्या ही कहनें.