सोंठ उपयोगी और हर एक घर की प्रसिद्ध वस्तु है| दाल-साग के मसाले में इसका उपयोग होता है| जब अदरक पककर सूख जाता है तब उसकी सोंठ बनती है| सोंठ पाचनतंत्र के लिए बहुत उपयोगी है|
यह उल्टी, स्वास, शूल, खांसी, हृदया रोग, सूजन, वायु आदि रोगों को दूर करती है|
सोंठ के 13 ज़बरदस्त घरेलू नुस्खे:
1. पुराना जुखाम: सौंठ डालकर पानी को उबालिए, दिन में तीन बार यह पानी गुनगुना कर पीने से पुराना जुखाम दूर हो जाता है|
सोंठ का चूर्ण 10 ग्राम, 10 ग्राम गुड़ और घी एक चम्मच मिलाकर उसमें थोड़ा सा पानी डालकर आग पर रहिए और रबड़ी जैसा बना लीजिये| हर रोज़ सुबह यह रबड़ी चाटने से तीन दिन में ही सर्दी जुखाम मिट जाता है|
2. खांसी दमा: सोंठ, चोटी हरड़ और नागरमोथा का चूर्ण संभाग में लेकर उसमें दुगना गुड़ मिला लीजिये और चने बराबर गोलियां बना लें| एक-एक गोली मुंह में रखकर दिन में टीनसे चार बार चूसने से खांसी और दमा रोग दूर हो जाता है|
3. ज्वर: सोंठ को छाछ के ऊपर से निथारें, पानी में घिसकर 21 दिन तक पीने से पुराने ज्वर से छुटकारा मिलता है|
तीन ग्राम सोंठ को बकरी के दूध में पीसकर दिन में तीन बार पिलाने से गर्भवती को होने वाला मलेरिया बुखार मिटता है|
4. अजीर्ण: सोंठ और जवाखार का चूर्ण संभाग में लेकर घी के साथ मिलाकर चाटें और ऊपर से गरम पानी पियें| इससे अजीर्ण से मुक्ति मिलती है और भूख खुलकर लगती है|
5. धातुस्राव: सोंठ, हल्दी और गुड़ का काढ़ा बनाकर सुबह एक महीने तक रोज़ पीने से धातुस्राव रुकता है और पेशाब के साथ जाने वाली धातु भी बंद हो जाती है|
6. रक्तस्राव: 5 ग्राम सोंठ का चूर्ण, बकरी या गाय के दूध के साथ सेवन करने से रक्तस्राव में लाभ होता है| दर्द के साथ पेशाब में खून जाता हो तो वो भी ठीक हो जाता है|
7. कमर दर्द: सोंठ और एरंड की जड़ का काढ़ा बनाकर उसमें पीसी हुयी हींग और काला नमक डालकर पीने से वायु के कारण होने वाला कमर दर्द दूर होता है| सोंठ और गोखरू संभाग में लेकर सुबह-शाम काढ़ा बनाकर पीने से भी कमर दर्द दूर होता है|
8. दस्त: सोंठ, जीरा और सेंधा नमक का चूर्ण मट्ठे में मिलाकर भोजन के बाद पीने से पुराने दस्त (पतले दस्त) ठीक होते हैं और अन्न का पाचन अच्छे से होता है|
सोंठ और खसखस की जड़ को पानी में उबालकर पीने से दस्त बंद होते हैं|
9. पेचिश: रोजाना सुबह गरम पानी के साथ सोंठ का चूर्ण फांकने या सोंठ का काढ़ा बनाकर उसमें एरंड का तेल मिलाकर पीने से पेचिश मिटती है|
10. उल्टी: सोंठ और बेल फल का गरम क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से हैजे में होने वाली उल्टी, दस्त तथा पेट का दर्द दूर होता है|
11. सर दर्द: सोंठ को पानी या दूध में घिसकर उसका नस्य लेने और लेप करने से सर दर्द और आधाशीशी का दर्द दूर होता है|
12. बिच्छू का विष: सोंठ को पानी में घिसकर, नस्य लेने से बिच्छू का विष उतार जाता है|
13.अपच-खट्टी डकारें: 500 मि. ली. उबलते हुये पानी में 25 ग्राम सोंठ का चूर्ण डालकर उसे 20 से 25 मिनट तक धक कर पका लें फिर इसे उतार कर ठंडा होने पर कपड़े से छान लीजिये| इसमें से रोज़ 25 से 40 मि. ली. पानी दिन में तीन बार सेवन करने से अपच, खट्टी डकारें, पेट दर्द आदि विकार दूर होते हैं|