अक्सर आपने लोगों को ये कहते हुए सुना होगा की, “हम जीने के लिए नहीं खाते, हम खाने के लिए जीते हैं,” पर कभी सोचा है की वही खाना जो की हमारी जीवन के लिए सबसे ज़रूरी है उससे जुड़ी हुई बहुत सी धारणाएं गलत हैं, और काफी लोग इन गलत मिथकों के बारे में नहीं जानते है|
आज हम इस पोस्ट में माध्यम से आपके कुछ प्रचलित मिथकों को दूर करेंगे:
1. फैटी खाने से आप मोटे होते है! (मिथक)
- मिशेल कैडी, FitVista.com पोषण स्वास्थ्य कोच का कहना है की, जब आप हैल्थी फैट का सेवन बढ़ाते हैं और रिफाइंड, वाइट कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करते हैं, तो आप लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करते है|
- इससे आपका ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है, और अपने शरीर को अतिरिक्त कैलोरीज जलाने के लिए तैयार करते है|
- ऐसा करने पर आपका शरीर अतिरिक्त ऊर्जा के लिए फालतू के खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बच सकता है, जैसे: क्विक कार्ब्स, चीनी और ग्लूकोज|
2. गाजर से आखों की रोशनी बढ़ती है (पूरा सच नहीं है)
- हर कोई सोचता है कि गाजर खाने से उनकी आँखों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है, यह बात सच है की, गाजर, आपके शरीर के लिए अच्छी होती है और इसमें आंखों को बढ़ाने वाला विटामिन ए होता है
- गाजर केवल आपकी पहले से ही अच्छी दृष्टि को मजबूत बनाए रखने में मददगार होता है, पर ये आखों की रौशनी बढ़ाता है, ऐसा कहना पूरी तरह सही नहीं है|
- हार्वर्ड मेडिकल स्कूल का कहना है कि ताजे फल और हरी सब्जियां, आपकी आंखों की सेहत के लिए बेहतर होता है।
3. दिन में आठ गिलास पानी पीना ज़रूरी (पूरा सच नहीं है)
- आपने सु्ना होगा की दिन में कम से कम आठ गिलास पिएंगे तो आप स्वस्थ और हाइड्रेटेड रहेंगे, पर असलियत में, आपको अपने शरीर के सभी तरल पदार्थों को प्राप्त करने के लिए इसका पालन करने की ज़रुरत नहीं है।
- मेयो क्लिनिक के अनुसार, तरल के उचित सेवन की एक मानक संख्या नहीं है, ये संख्या: लोगों की उम्र, स्थान और स्वास्थ्य के आधार पर निर्भर करती है, और उचित तरल आपको कुछ खाद्य पदार्थों से भी मिलता है।
- कोशिश करें की पानी तभी पिएं जब आपको प्यास लगे और जितनी ज़रुरत हो उससे थोड़ा सा ज़्यादा ही पिएं, बिना प्यास के भी बार- बार पानी पीने से आपका दिमाग कंफ्यूज हो सकता है और आपकी किडनी पर भी एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है|
4. ब्राउन शुगर – वाइट शुगर से बेहतर होती है| (पूरा सच नहीं है)
- यह अक्सर कहा जाता है कि ब्राउन शुगर सफेद चीनी की तुलना में एक स्वस्थ विकल्प है। लेकिन आप इसे चालाक मार्केटिंग समझ सकते हैं। हकीकत में, ब्राउन शुगर साधारण टेबल शुगर ही होती है जो कि गुड़ के पुनर्भरण (रिचार्ज) के कारण भूरी हो जाती है। गन्ने के पौधों से चीनी बनाने पर आम तौर पर गुड़ को अलग करके निकाल दिया जाता है।
- संयुक्त राज्य के कृषि विभाग के अनुसार, ब्राउन शुगर में प्रति चम्मच लगभग 17 किलो कलरीज होती हैं जबकि सफ़ीद चीनी में 16 किलो कलरीज प्रति चम्मच होती हैं।
5. शाकाहारी भोजन से पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता। (पूरा सच नहीं है)
- अमूमन जब लोग प्रोटीन के बारे में सोचते हैं, तो सब्ज़ियां उनकी पहली पसंद नहीं होती है, और प्रोटीन का स्तोत्र ज़्यादा तर चिकन, समुद्री भोजन, मछली, अंडे और अन्य जानवरों से प्राप्त किया जाता रहा हैं।
- पर आपको उचित मात्रा में प्रोटीन प्राप्त करने के लिए इन विकल्पों की आवश्यकता नहीं है – आप आसानी से हरी सब्ज़ियों के माध्यम से भी ऐसा कर सकते हैं।
- अगर आप हरी सब्ज़ियों को ओवर-कुक न करें करें और उतना ही पकाएं जीना ज़रूरी है, तो आपको जरूरी प्रोटीन ऐसे ही मिल जायेगा, शाकाहारी लोगों की आयु ऐसे ही ज्यादा नहीं होती| सही तरीके का खान-पान आपके स्वस्थ पर ज़बरदस्त असर डालता है|
स्वस्थ रहने के लिए सबसे ज़रूरी है, आप जो रोज़ाना खाते है, और जो खाद्य पदार्थ आपकी रोज़ाना डाइट में शामिल होने चाहिए, उन खाद्य पदार्थों की पूरी जानकारी रखना| ये छोटी सी जानकारी आपको रोज़ सही और संतुलित खाना खाने में मदद तो करेगी ही, साथ ही साथ उनसे जुड़ी अधूरी जानकारियों से भी बचाएगी|
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