ज्यादा सोचने और गुस्सा करने की आदत को कैसे कम करें?

ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें उन बातों पर ईटा गुस्सा आता है जहां उन्हें बहुत आसानी से अपने गुस्से को काबू में करना आना चाहिए| ऐसे लोग जिन्हें बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और जो बहुत ज़्यादा सोचते हैं उनके लिए आज हम कुछ टिप्स लेकर आए हैं जो शायद उन्हें अपना गुस्सा काबू में करने और ज्यादा सोचने की आदत को कम करने में मदद कर सकते हैं|

अगर आपको ऐसा लगता है की आपकी लाइफ में ऐसा बहुत बार हुआ है की आपको आपने गुस्से पर काबू कर लेने चाहिए पर आप नहीं कर पाये? गुस्सा और ज्यादा सोचना बहुत से लोगों का आम स्वभाव बन गया है|

बहुत से लोगों को लगता है गुस्सा और बिना किसी मतलब के बातों को स्ट्रेत्च करना और ज़रूरत से कहें ज्यादा सोचना आम है पर सोचने की बात ये हैं की, हसमुख होना, गुस्से को कंट्रोल कर ले जाना, सोच कर बोल्न और किसी भी सिचुएशन में शब्दों की मर्यादा न तोड़ना आम क्यूँ नहीं है?

शायद इसलिए की हम महीनो और कुछ सालों के बाद एक उपग्रेड फोन तो लेना चाहते हैं पर अपना दिमाग और शरीर के बारे में जाने की कोशिश और नियंत्रण करना लगभग भूल ही गये हैं| लोगों की आधी से ज़्यादा उम्र बीत जाती है ये समझने में की कोई भी वार्तालाप या फिर सिचुएशन तब खराब होती है जब आप गुस्से में, बिना सोचे-समझे, और या फिर रुड तरीके से वार्तालाप करते हैं|

अब एक्जाम्पल के रूप में आप एक ऐसी सिचुएशन को उठा लीजिये जहां आपने अपना आपा खो दिया था और चीज़ें संभालने की बजाए और खराब हो गयी थी| अब इस बात को आपको भूलना नहीं है अगली बार कोई भी ऐसी सिचुएशन हो जिनसे आपको गुस्सा आ रहा है या फिर आ सकता है रुकें, और विनम्रता से मामले ठीक करने की कोसिश करें फिर देखें की नुकसान कहाँ ज़्यादा हुआ था, पहले वाली सिचुएशन में या इस वालली सिचुएशन में|

गुस्सा आन तो आम बात है, हम इंसान और हम इन्सानो में सभी तरह के भाव होते हैं तो गुस्से को क्यूँ नियंत्रित करना है? लेट इट फलो! हाँ ये सभी बातें बहुत से लोग गुस्से को सही साबित करने के लिए कहते हैं| पर ज़िंदगी में हम जो भी करते हैं उसका गोल ये होना चाहिए के हमारे आस-पास के लोग आपसे कितनी गहराई से जुड़े हैं और आप के करीबे रिश्ते कितने अच्छे हैं| जीतने भी पैसे हो बैंक अकाउंट में खुशी तो अपनों की खुशी में ही मिलती है|

असल में में ये समझना है की गुस्सा आपको कंट्रोल करे ये आपकी इंसानी दिमाग की हार है, पर गुस्से पर नियंत्रित कर ले जाना आपको वो आज़ादी और ताकत देगा जिससे बड़े से बड़ा इंसान भी घुठने टेक देगा| याद रखिएगा की 100 में से 99% सिचुएशन तब खराब होती हैं जब आपको आपने गुस्से और बोलने के तरीके पर नियंत्रण नहीं होता है|

असल में जब आप लोगों से पानी की बजाए ये सोचने लगते हैं की आप उनके किस तरह काम आ सकते हैं ये आपको बादल सकता है, बाकी जो समझेंगे वो साथ रहेंगें और जो नहीं उनसे साथ छूट जाएगा पर आप गिव उप न करिएगा|

अब बात करते हैं कुछ टिप्स की जिससे आपको गुस्सा नियंत्रित करने और ज्यादा सोचने की आदत को कम करने में मदद मिलेगी|

ज्यादा सोचने और गुस्सा करने की आदत को इन टिप्स से नियंत्रित करें:

1.   नेगेटिव थॉट्स:

नेगेटिव थॉट्स को कम करना है? दो चीज़ें ध्यान में रहें, नेगेटिव थॉट्स तब आते हैं जब आप अपने आपको अहम मानने लगते हैं और दूसरों से भी यही आशा करते हैं की वो आपको अहम मानें| मै, मि और माईसेल्फ़ की भावना ही नेगेटिव थॉट्स को पानी देने का काम करता है| दूसरी चीज़ है की दूसरों की ज़िंदगी, कपड़ों और चीजों को देख कर ये सोचना की आपके पास जो है वो उनसे कम है| ये बदलाव धीरे-धीरे होता है तो जल्दीबाजी एमटी करें बस इन बातों को हमेशा याद रखे और रियल लाइफ में हर एक सिचुएशन में इस चीजों को सही मायनों इन बातों को रियल लाइफ में अप्लाई करके देखें और नोटिस करें की आपको कैसा लग रहा है|

2.   अपने गुस्से को कैसे नियंत्रित करें:

इस बात को ध्यान रखें जब भी गुस्सा आए तो अपने शब्दों को silent mode पर डाल दें| ऐसे करने से आप गुस्से में होने वाली लड़ाई को रोक कर, नुकसान को कम कर सकते हैं| गुस्सा ना आए इसके लिए ये सोच लें की अगर आपको गुस्सा आ रहा है मतलब की आप अपने ऊपर नियंत्रण करना नहीं जानते हैं जो की बेवकूफी की निशानी है| दुनिया में सबसे बुद्धिमान जीव मानव को ही माना जाता है और अगर हमारे मानव दिमाग में दूसरे ग्रहों और की दूरी ताक मापने की क्षमता है तो इससे नियंत्रित करना भी आपके बस में है| गुस्से में किसी भी बात को बोलने से पहले मन में ज़रा दौहरा लें ताकि आपको बोलने से पहले ही समझ आ जाये की खराब सिचुएशन को सही करने का ये सबसे बेकार तरीका है|

अन्य चीज़ें जिससे ज्यादा सोचना और ज्यादा गुस्सा आना कम हो सकता है:

1.       अगर आप श्रीरिक व्यायाम नहीं कर रहे हैं तो कम से कम रोजाना टहलना ज़रूरी है भलले ही आप आधा घंटा सुबह-शाम व्यायाम करें पर वॉक करना शुरू कर दें| पुराना विज्ञापन है आइडिया का, वॉकिंग अँड टौकिंग सर जी, तो जब भी किसी से फोन पर बात कर रहे हैं तब भी वॉक कर लिया करें|

2.       गुस्से को शांत करने के लिए किसी चीज़ का सहारा लेने से अच्छा है की आप खुद ही उसपर नियंत्रण रखें, पर आप हेडबाथ भी ले सकते हैं जिससे मदद मिलेगी|

3.       दिन भर काम में लगे रहते हैं तो थोड़ा ब्रेक लेना आपके स्ट्रैस लेवेल को खत्म तो नहीं पर कम ज़रूर कर देगा|

4.       मन में बात रखने से अच्छा से की बात करके बैर खत्म कर दिया जाये और बात को बढ़ने न दें|

5.       डीप ब्रीदिंग भी काफी कारगर तरीका है गुस्से को कंट्रोल रखने के लिए ओर ओवर थिंकिंग को कम करने के लिए|

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