पीलिया की समस्या को दूर भगाएँ इन घरेलू नुस्खों से – पीलिया के लक्षण व कारण!

पीलिया के रोग में रक्त में रंजक पित्त की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है| इस रोग में यकृत (liver) में सूजन आ जाती है, जिससे पाचन क्रिया पूरी तरह गड़बड़ा जाती है| यह स्वतंत्र रूप में भी हो सकता है और संक्रमन के रूप में भी| गर्मी की अपेकषा सर्दी के मौसम में यह रोग अधिक होते देखा गया है|

पीलिया के कारण:

1.   क्षारीय (alkaline) पदार्थ, अम्ल, लवण, उष्ण गुण वाले पदार्थों का अधिक सेवन, विरुद्ध आहार, मटर, उरद, तैलिय पदार्थ आधी पीलिया रोग के प्रमुख कारण हैं|

2.   इनका प्रभाव हमारे लिवर पर पड़ता है, जिससे रंजक पित्त का निर्माण आवश्यकता से अधिक होने लगता है|

3.   यह अतिरिक्त रंजक पित्त सीधे रक्त में मिलकर ऊतकों (tissues) को प्रभावित करने लगती है, जिससे पीलिया रोग उत्पन्न होने लगता है|

4.   इसके अतिरिक्त यह रोग एक वायरस के कारण भी होता है, जो संक्रमण होता है|

5.   चरस, गांजा, अफीम, शराब आदि का सेवन करने वालों को प्राय: पीलिया की शिकायत हो जाती है|

6.   आवश्यकता से अधिक श्रम करने वाले लोगों और असंतुलित आहार लेने वालों को भी पीलिया हो जाता है|

7.   जो लोग गंदे वातावरण में रहते हैं, उन्हें भी पीलिया होने की संभावना ज़्यादा रहती है|

पीलिया के लक्षण:

1.   इस रोग में आखें, नाखून, और त्वचा पीली हो जाती है|

2.   मुख पर भी पीलापन आ जाता है|

3.   मल का रंग लालिमायुक्त पीला या पीला हो जाता है|

4.   मूत्र पीला या कॉफी के रंग जैसे आता है|

5.   शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द, थकान, अत्यधिक कमज़ोरी, व उल्टी जैसे लक्षण प्रकट होते हैं|

6.   शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और लिवर के दाहिने हिस्से में दर्द महसूस होता है|

7.   भोजन के प्रति आरुची प्रकट होती है|

8.   अरुचि व उल्टी दोनों लक्षणों का अचानक रूप में प्रकट होना पीलिया रोग का विशेष परिचायक है|

9.   इस रोग में भोजन की और देखना भी अच्छा नहीं लगता|

10. यहाँ तक की धूम्रपान करने वालों में धूम्रपान करने के प्रति भी अनिच्छा देखी गयी है|

पीलिया के नुस्खे:

1.   एक ग्राम पीपल छाल की राख़ फांक कर एक या दो ग्लास छाछ पियें| इससे सारा पीलापन निकाल जाता है|

2.   पीपल और लसोड़े के सात-सात या ग्यारह-ग्यारह पत्ते घोट-पीस कर नमक मिला लें| खाली पेट ग्यारह दिन पियें| आराम मिलेगा|

3.   पीपल छाल का गरम गूदा 50 ग्राम जौकुट करके 250 मी.ली. पानी में किसी कुल्हड़ में भिगो दें| सुबह पानी निथार कर पियें|

4.   पीलिया का सर्वोतम इलाज गन्ना है| गन्ने को चूसने या ताज़े गन्ने के रस को पीने से भी पीलिया सदा के लिए अलविदा कर लेता है| भुने हुये जौ या चने के सत्तू के साथ गन्ने के रस का सेवन करने से भी पीलिया सदा के लिए अलविदा कर लेता है|

5.   रोज़ बेल के 15 पत्ते पानी के साथ पीसकर इस पेय का एक सप्ताह तक नियमित सेवन करने से उग्र पीलिया भी दूर होता है|

6.   10 ग्राम सौंठ चूर्ण में गुड मिलाकर सुबह-शाम दो बार कुंकुने पानी के साथ कम-से-कम एक सप्ताह तक सेवन करने से पीलिया में विशेष फायदा होता है|

7.   10 ग्राम पीसी हुयी हल्दी 50 या 100 ग्राम दही में मिलाकर पीने से पीलिया कुछ ही दिनों में दूर हो जाता है|

8.   गाय के दूध की ताज़ा छाछ या दस तोले मट्ठे में आधा तोला हल्दी मिलाकर सबह-शाम पीने से पीलिया का निवारण होता है|

पथ्य: रोग की अग्रवस्था में शारीरिक व मानसिक विकास करते हुये गन्ने का रस, संतरा, मौसंबी, अंगूर, गाय के दूध का मट्ठा, दही, मूली, ककड़ी, खीरा, टमाटर, आंवला, परवल, जागर, पपीता, करेला, आदि पथ्य हैं|

आम, इमली, करौंधा, लाल मिर्च, तेल, नमक, आचार मलाई, बासी व गरिष्ठ भोजन, मैथुन, चिंता, भय, शोक, शराब, मलमूत्रादि वेगों को रोकना, पित्तकारक पदार्थों का सेवन वर्जित है|

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