जब त्वचा के रॉम छिद्रों और आस-पास की कोशिकाओं के नष्ट होने से मवाद बन्ने लगता है तो वो फोड़े या फुंसी का रूप ले लेता है|
फोड़े या फुंसी के कारण:
फोड़े या फुंसी ज़्यादातर रक्त विकार के कारण उत्पन्न होती हैं|
खट्टे-मीठे पदार्थों और तीखे मिर्च मसाले का अधिक सेवन करने से रक्त दूषित हो जाता है, जिस कारण फोड़े या फुंसी निकाल आते हैं|
मधुमेह, कुपोषण, कमजोरी, और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने से भी यह विकार उत्पन्न हो सकता है|
फोड़े या फुंसी के नुस्खे:
गर्मियों में खान-पान या साफ-सफाई का ध्यान न रखें तो रक्त में विकार होने से फोड़े या फुंसी हो जाती हैं| इसके लिए बेल से बढ़िया औषधि नहीं हो सकती|
1. बेल की कोपलों को पीसकर पुलटिस की तरह बांड लीजिये, थोड़ा भीतर ही सूख जाएगा, पुलटिस थोड़ी गरम ही बाँधें और इसको पीसते समय अलग से पानी न डालें, यदि फोड़े में मवाद हो तो वो भी फूट के बह जाएगा| इस मवाद को बेल के पानी में रूई भिगोकर साफ करें और पुलटिस बांध दें और साथ ही बेल के पत्तों का रस 24-24 मी.ली. की मात्रा में दिन में 3 बार पिये|
2. चने का झार फोड़े या फुंसी में लगाने से वे पक जाते, इससे दूषित रक्त निकाल जाने से फोड़े या फुंसी ठीक हो जाते हैं|
3. करेले की जड़ को पीसकर फुंसी पर लगाने से लाभ होता है|
4. अर्वी के पत्तों को जलाकर उसकी राख़ तेल में मिलाकर लगाने से फोड़े या फुंसी ठीक हो जाते हैं|
5. गाजर को उबाल कर उसकी पुलटिस बनाकर बांधने से ज़ख्म, फुंसियाँ और फोड़ें सही हो जाते हैं|
6. नीम की कोपलें मट्ठे में पीसकर फुंसियों पर लेप करने से फोड़े या फुंसी जल्दी ठीक हो जाती हैं, एक दिन में दो बार करना चाहिए|
7. कच्चे फोड़े पर नीम की छाल और रसोद गिस्कर लगाने से भी फाइदा होता है|
8. पीपल की छाल पीसकर अथवा उसके दूध का फाहा लगाने से फोड़े या फुंसी ठीक हो जाते हैं|
9. मीठी की पुलटिस बांधने से फोड़े की सूजन कम होती है और दर्द भी दूर होता है|
आप सोच रहे होंगें की आपने ऐसे नुस्खे सुने नहीं होंगें| पर हम बता दें की ये आयुर्वेदिक उपचार हैं, जो की काफी कारगर होते हैं| इसके साथ ही इन नुसख़ों से आप फोड़े या फुंसी से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा|